मनीष टावरी
संरक्षक
जीई फाउंडेशन, भिलाई नगर
मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है. -भगत सिंह
प्रिय साथियों,
कहतें हैं उड़ान पंखों की नहीं हौसलों की होती है। यह सच भी है। समाज में हमारे सामने ढेरों ऐसे उदाहरण मिल जाएंगे, जिसमें लोगों ने अपनी शारीरिक अक्षमता को ही ताकत बना ली और मिसाल बन गए। दिव्यांग बच्चों का हौसला और उनका जज्बा इसी मिसाल की तरफ इशारा करता है। अपने हौसलों के दम पर दिव्यांग हिमालय की चोटी तक फतह कर रहे हैं तो रोजमर्रा के कामकाज में लगातार आ रही कुशलता अब उनके लिए बहुत ही सामान्य बात रह गई है। हम लोग अपनी संस्था जी ई फाउंडेशन के माध्यम से शिशु, मातृत्व व छोटे बच्चों के लिए छोटे-छोटे कार्यों के माध्यम से कुछ बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा ध्यान समाज के वंचित तबके की ओर भी है। इसलिए गरीब परिवारों के स्कूली बच्चों को किताब-काॅपी और ड्रेस सहित अन्य सामान उपलब्ध करा रहे हैं। डेढ़ साल में हम लोगों ने ऐसे करीब 32 आयोजन किए हैं। जिनसे वंचित तबके के बच्चों के जीवन में खुशियों ने दस्तक दी है। इसी बीच हमारी संस्था ने दिव्यांग बच्चों के लिए भी पहल का इरादा किया। नतीजा आप सब के सामने है। हमारे कार्यों के आधार पर जिला प्रशासन से लेकर राज्य शासन तक ने पूरा सहयोग व समर्थन दिया। समाज के विभिन्न तबकों के लोग भी सामने आए। ऐसे में आप सबके सहयोग से एक दिवसीय जिला स्तरीय निशक्त बाल क्रीड़ा महोत्सव धरातल पर स्वरूप ले सका। इस आयोजन की सफलता में आप सबका सहयोग व आशीर्वाद निहित है। हमारी कोशिश होगी कि भविष्य में भी हम दिव्यांग बच्चों की बेहतरी के लिए कुछ और कार्यक्रम हाथ में लें। इसमें राज्य शासन, जिला प्रशासन, भिलाई स्टील प्लांट मैनेजमेंट सहित कई निजी व सार्वजनिक उपक्रमों का सहयोग हमें पूर्व की तरह मिलता रहेगा, ऐसा हमारा दृढ़ विश्वास है। मुझे यह स्मारिका आपके समक्ष रखते हुए हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। दिव्यांग बच्चों के बीच प्रतियोगिता की भावना विकसित करने यह एक छोटी सी पहल है। भविष्य की असीमित संभावनाएं हम सबके सामने हैं। आप लोगों का आशीर्वाद व सहयोग रहा तो हम दिव्यांग बच्चों की बेहतरी के लिए और भी सकारात्मक पहल कर पाएंगे।